Gomed stone benefits in hindi, गोमेद रत्न के फायदे और नुकसान

 

Gomed stone benefits in hindi

गोमेद रत्न के फायदे और नुकसान जैसे सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। Gomed stone benefits in hindi

 

Gomed stone गोमेद रत्न से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी विस्तार से दी गई है की गोमेद किन राशि वाले जातकों को धारण करनी चाहिए और gomed ratan ke fayde गोमेद धारण करने से क्या फायदे क्या नुकसान हैं और किस प्रकार धारण करें और कब धारण करें तथा इससे होने वाले विभिन्न प्रकार के फायदों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। wiki

गोमेद रत्न राहु का रत्न माना जाता है जिसे धारण करने से राहु के अशुभ प्रभावों को नस्ट कर एक नई शक्ति जागृत करता है यदि मनुष्य सही बिधि द्वारा गोमेद करता है तो वर्तमान में चल रही परेशानियों से मुक्ति प्राप्त कर है हमारे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु ग्रह के रत्न गोमेद धारण कारण काफी शुभ मन जाता है।

आपको बता दे कि राहु एक उपच्छाया ग्रह है जो इनका अपना कोई अस्तित्व नहीं है और यह जिन राशि भाव ग्रह-नछत्र से जुड़ा रहता है उसी के अनुसार भी फल देने लगता है जिस व्यक्ति के राशि मिथुन , कन्या , तुला , वृषभ , और  कुम्भ राशि  हो तो उन जातको को गोमेद रत्न धारण करना शुभ मन जाता है gomed stone ke fayde

गोमेद रत्न से होने वाले फायदे gomed stone benefits in hindi

हमारे ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार गोमेद राहु ग्रह के रत्न मन गया है Garnet समूह के रत्न होने के कारण इसे हिंदी में गोमेद और अंग्रेजी में Hessonite कहा जाता है। जिसे धारण करने से राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों नस्ट करता है।

गोमेद एक दिव्या, शक्तिशाली और लाभकारी रत्न है जिसमे जो शारीरिक और भावनात्मक तथा मनोविज्ञानिक शक्ति शामिल है gomed ratan ke fayde  जब व्यक्ति के कार्य में बाधाएं उत्पन्न होने लगती है या आपके बिजनेस व्यवसाय में लगातार हानि हो रही है तो उस स्थिति में गोमेद रत्न को धारण करें।

जो लोग काल सर्प दोष से पीड़ित है उन लोगो को गोमेद रत्न धारण करनी चाहिए ताकि काल सर्प दोष के बुरे प्रभावों बचाया जा सके।  गोमेद उन लोगों के लिए भी काफी लाभदायक है जो लोग सामाजिक संपर्क में रहते हैं तथा व्यवसाय से संबंधित कार्य करते हैं क्योंकि गोमेद काफी लाभकारी रतन माना जाता है. इसे धारण करने से अधिक से अधिक धन की प्राप्ति होती है।

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जिस जातक जन्म कुंडली में राहु ग्रह के महादशा और अन्तर्दशा के समय में गोमेद रत्न धारण करता है तो राहु के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है पेट से संबंधित बीमारियां मन में गलत विचार आना जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है क्योंकि गोमेद रत्न शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है gomed ratna ke fayde in hindi जिससे धारण करने से अलग-अलग प्रकार के शारीरिक समस्याओं से छुटकारा मिलते हैं।

इसके अलावा आपकी विरोधी आप के खिलाफ कार्य करता है तथा आपकी कार्य में बाधा उत्पन्न करता है जिससे आप काफी निराश और दुखी रहते हैं तो गोमेद रत्न धारण करने से अपने विरोधियों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं जिससे विरोधी हर कार्य में असफल रहेगा।

मन में आ रहे गलत विचार और निराशावादी विचारों से भी मुक्ति मिलती है इसके अलावा नींद में आ रहे बुरे स्वप्न बंद हो जाता है तथा भर्म को भी दूर करता है। gomed stone in hindi

गोमेद धारण करने से डर भय जैसी भावनाएं दूर हो जाती है  तथा आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती हैं.

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असली गोमेद की पहचान कैसे करे asalee gomed kee pahachaan kaise kare

गोमेद रत्न शद के रंग जैसा होता है हल्का काला और पीला, कांच के समान होता है, गोमेद रत्न को लकड़ी के भूसी पर रगड़ने पर चमकदार दिखाई देने लगे तो समझ लेना की गोमेद असली है अन्यथा नकली है।  गोमेद रत्न के पहचान करना जितना आसान है उतना ही मुश्किल। यदि आप रत्नो के बारे में काम जानते है तो रत्न को खरीदने से पहले किसी बड़े ज्योतिष से सलाह ले ले। और जब भी कोई रत्न ख़रीदे तो लेब रिपोट के साथ ख़रीदे।

गोमेद रत्न धारण करने की विधि Gomed ratna dharan vidhi in Hindi

गोमेद रत्न को शनिवार के दिन धारण किया जाता है लेकिन कुछ स्थिति में राशि के अनुसार धारण किया जाता है जिस राशि में राहु बैठे हो उस राशि के अनुसार धारण किया जाता है लेकिन सामान्य रूप से शनिवार के दिन शाम को धारण किया जाता है

शनिवार के दिन संध्या कल में गोमेद रत्न को गंगा जल में स्नान करके अगरबत्ती पूजा-पाठ करते हुए रत्न को धारण करें धारण करते समय राहु का मंत्र ( ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः ) 108 मंत्र का जाप करें।

गोमेद किस धातु में धारण करे gomed ratan ke fayde

गोमेद रत्न सामान्य रूप से सोने या चांदी के धातु में धारण किया जाता है लेकिन अष्टधातु या पंच धातु में धारण करना शुभ माना जाता है

गोमेद कौन सी उंगली में पहनना चाहिए

गोमेद रत्न को किसी भी धातु की अंगूठी में बनवा कर दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में धारण किया जाता है

 

किसी भी रत्न को धारण करने से पहले किसी बड़े ज्योतिष से सलाह लेकर ही धारण करें। सामान्य रूप से दी गई जानकारी को todayrashifal.in पुष्टि नहीं करता

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